मैं तो “पत्थर” हूँ; मेरे माता-पिता “शिल्पकार” है

मैं तो “पत्थर” हूँ; मेरे माता-पिता “शिल्पकार” है..

मेरी हर “तारीफ़” के वो ही असली “हक़दार हैं ।

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